विधानसभा चुनाव में भी भाटी निर्दलीय चुनाव लड़े और बाड़मेर जिले की ही शिव विधानसभा से विधायक बने.

लोकसभा चुनाव 2024 में 26 साल का एक लड़का निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गया है. राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया है.

रविंद्र सिंह भाटी ने 2019 के छात्र संघ चुनाव में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से टिकट मांगी थी. लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में कूद गए और जोधपुर विश्वविद्यालय के 57 साल के इतिहास में पहली बार जीतकर निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष बने. 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले रविंद्र सिंह भाटी भाजपा में शामिल हुए थे और शिव विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दी. इसके चलते महज 9 दिन में ही उन्होंने पार्टी से बगावत कर ली. और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. यहां पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी.

भाजपा और कांग्रेस दोनों की बढ़ी मुश्किलें

बाड़मेर जैसलमेर बालोतरा लोक सभा सीट से इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों को सबसे बड़ा खतरा रविंद्र सिंह भाटी से होता दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस के बड़े नेता लगातार रविंद्र सिंह भाटी के खिलाफ ही मोर्चा खोले हुए हैं. पिछले दिनों पूर्व मंत्री रहे हेमाराम चौधरी ने मंच से खुलकर रविंद्र सिंह भाटी पर हमला बोला था. इस इस दौरान हेमाराम चौधरी द्वारा दिए गए बयानों को लेकर विवाद भी उपजा हालांकि इसके बाद हेमाराम चौधरी को सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगनी पड़ी थी. भाजपा को अपने कोर वोटर में सेंध लगती हुई नजर आ रही इसी के चलते सोमवार को बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को बाड़मेर बुलाया गया था 12 अप्रैल को पीएम मोदी खुद रविंद्र सिंह भाटी के चलते हो रहे नुकसान को लेकर डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं .

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